उनदिनों की यादे
उन दिनों की यादे
बिन तेरे जिन्दगी अधूरी लगती है
न दिन कटते है न नीद पूरी होती है
रातों को सताना जो बंद किया तुमने
सांसो की गिनती अब उलटी लगती है
न जाने किस हल में होगी तू
न जाने किश ख्याल में होगी तू
गर एक खबर तेरी हमे मिल जाये
तो जीने का एक आस हमे मिल जाय
तेरी यद् तो आती है हमे
जलन होती है बगल वालो को
तेरे नाम की माला जपता हू
आशा है की मिल जाए तू हमे
जो हसीन जिन्दगी रही साथ तेरे
रहेगी ख्वावो में मेरे न होगी मेरी
क्युकी हुयी तू किसी और की साथी
हिस्से मिला मेरे किशी और का साथ